मुक्तक
मेरे दिल की कीमत कोई क्या भला लगायेगा,
बस एक तेरी मुस्कान है जो
कौड़ियों के भाव ही दिल को मेरे ले जाएगा
~ सिद्धार्थ
2.
उस जमीं पे ख़ाक तो उड़ेगा यारा
जिस पे बसने वालों का दिल
मुहब्बत से आबाद न होगा
~ सिद्धार्थ
3.
अब इस पे झगड़ा कौन करे तुझ से क्यूं बावस्ता है दिल
तूने तो जाना संभाला ही नहीं तेरे रुमाल के खुशबू में थे हम
~ सिद्धार्थ