मुक्तक
लगा दूं क्या ? तुम बेरंग हो क्या ?
बुझे बैठे हो कब से तुम
कहो तो रंगों की आग में जला दूं क्या…?
~ सिद्धार्थ
2.
तनहाई को उठा उठा के चूमा कीजे
अजी आप भी वादी ए हिज्र में झूमा कीजे
~ सिद्धार्थ
3.
रंग गुलाब से मिले या गुलाल से उठा कर रख लेना
इस होली पे तुम सब को प्यार के रंगों में रंग देना
~ सिद्धार्थ