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Dr. Mohit Gupta
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27 Feb 2020 · 1 min read
मुक्तक
परछाई से घबराए दिल
अंधेरों से जाकर मिल।
मय्यसर जब नया ना हो
फटे पुरानों को ही सिल।
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
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