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22 Feb 2020 · 1 min read

मुक्तक

किसको किसका कितना सुख
सोचो तो बस दुःख ही दुःख।
मौन रहो और आंखें बंद
थोड़ा दुःख और ज्यादा सुख।

Language: Hindi
1 Like · 249 Views
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