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Dr. Mohit Gupta
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22 Feb 2020 · 1 min read
मुक्तक
किसको किसका कितना सुख
सोचो तो बस दुःख ही दुःख।
मौन रहो और आंखें बंद
थोड़ा दुःख और ज्यादा सुख।
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
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· 249 Views
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