Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Dec 2019 · 1 min read

अरमान दिलों का तोड़ चला।

जब उसने दुत्कारा मुझ को,अरमान दिलों का तोड़ चला।
जीवन के सब रंगी मौसम,तब साथ हमारा छोड़ चला।

नभ में सन्नाटा-सा छाया,बस दुख का बादल घेर लिया-
जाने क्या उस को भरम हुआ,मुख सत्य प्रेम से मोड़ चला।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 144 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
पर्यावरण प्रतिभाग
पर्यावरण प्रतिभाग
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
*बाल काले न करने के फायदे(हास्य व्यंग्य)*
*बाल काले न करने के फायदे(हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
गांव में छुट्टियां
गांव में छुट्टियां
Manu Vashistha
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
Taj Mohammad
👌परिभाषा👌
👌परिभाषा👌
*Author प्रणय प्रभात*
तन्हाई
तन्हाई
Rajni kapoor
श्रेष्ठ बंधन
श्रेष्ठ बंधन
Dr. Mulla Adam Ali
I would never force anyone to choose me
I would never force anyone to choose me
पूर्वार्थ
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
Surinder blackpen
बट विपट पीपल की छांव 🐒🦒🐿️🦫
बट विपट पीपल की छांव 🐒🦒🐿️🦫
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3263.*पूर्णिका*
3263.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चंद अशआर - हिज्र
चंद अशआर - हिज्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
प्रेम गजब है
प्रेम गजब है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
"कैफियत"
Dr. Kishan tandon kranti
Deepak Kumar Srivastava
Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam"
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मैं छोटी नन्हीं सी गुड़िया ।
मैं छोटी नन्हीं सी गुड़िया ।
लक्ष्मी सिंह
वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*तू ही  पूजा  तू ही खुदा*
*तू ही पूजा तू ही खुदा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इसकी औक़ात
इसकी औक़ात
Dr fauzia Naseem shad
जय रावण जी / मुसाफ़िर बैठा
जय रावण जी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
निकाल देते हैं
निकाल देते हैं
Sûrëkhâ
बारिश की संध्या
बारिश की संध्या
महेश चन्द्र त्रिपाठी
खालीपन
खालीपन
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
माँ से मिलने के लिए,
माँ से मिलने के लिए,
sushil sarna
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
Ajay Mishra
पापा आपकी बहुत याद आती है
पापा आपकी बहुत याद आती है
Kuldeep mishra (KD)
चलो चलो तुम अयोध्या चलो
चलो चलो तुम अयोध्या चलो
gurudeenverma198
*देह का दबाव*
*देह का दबाव*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कौन जिम्मेदार इन दीवार के दरारों का,
कौन जिम्मेदार इन दीवार के दरारों का,
कवि दीपक बवेजा
शमशान घाट
शमशान घाट
Satish Srijan
Loading...