मुक्तक
इस दिल में तूफ़ान छिपाए बैठे हैं
दिल को शीशे सा चमकाए बैठे हैं
सभी देवता बनने की कोशिश में हैं
हम खुद को इंसान बनाए बैठे हैं…
इस दिल में तूफ़ान छिपाए बैठे हैं
दिल को शीशे सा चमकाए बैठे हैं
सभी देवता बनने की कोशिश में हैं
हम खुद को इंसान बनाए बैठे हैं…