मुक्तक
इक बार ज़िन्दगी में उस हालात से गुज़रे,
धूप थी आँखों में और बरसात से गुज़रे,
वक्त को उस रोज हमने गौर से देखा था
जब ज़िन्दगी के खेल में हम मात से गुज़रे
इक बार ज़िन्दगी में उस हालात से गुज़रे,
धूप थी आँखों में और बरसात से गुज़रे,
वक्त को उस रोज हमने गौर से देखा था
जब ज़िन्दगी के खेल में हम मात से गुज़रे