मुक्तक
१.
लाज़मी है तेरा उठ के खड़ा होना
तारीख़ें गवाह है. ज़िद पे जो आई
आईना तो, पत्थर को भी तोडा है !
…सिद्धार्थ
२.
खुल कर हंसने दो, उछल कर गगन पे चढ़ने दो
छोटे- छोटे सपनों को सपनों का सोपान मिलने दो
…सिद्धार्थ
१.
लाज़मी है तेरा उठ के खड़ा होना
तारीख़ें गवाह है. ज़िद पे जो आई
आईना तो, पत्थर को भी तोडा है !
…सिद्धार्थ
२.
खुल कर हंसने दो, उछल कर गगन पे चढ़ने दो
छोटे- छोटे सपनों को सपनों का सोपान मिलने दो
…सिद्धार्थ