मुक्तक
१.
फूल ही अपनी खुश्बू पे क्यूँ इतराए
यार की यादों की ख़ुश्बू ऐसी
पल में कुंवरानी को मीरा कर जाय !
…पुर्दिल
२.
दिमाग कहता है छोड़ दूँ तुम्हें
दिल है मेरा कि ज़िद पे अड़ा है !
…पुर्दिल
१.
फूल ही अपनी खुश्बू पे क्यूँ इतराए
यार की यादों की ख़ुश्बू ऐसी
पल में कुंवरानी को मीरा कर जाय !
…पुर्दिल
२.
दिमाग कहता है छोड़ दूँ तुम्हें
दिल है मेरा कि ज़िद पे अड़ा है !
…पुर्दिल