मुक्तक
झाँककर दिल में ज़रा अपनी कमी को देख लें
जिन्दगी की इक झलक तो ज़िन्दगी में देख लें,
तालियों के शोर में धीमी हुई मुस्कान जो
दर्द की तह में छिपी हम उस खुशी को देख लें ।
झाँककर दिल में ज़रा अपनी कमी को देख लें
जिन्दगी की इक झलक तो ज़िन्दगी में देख लें,
तालियों के शोर में धीमी हुई मुस्कान जो
दर्द की तह में छिपी हम उस खुशी को देख लें ।