मुक्तक
आखिर कब तक सीता को प्रभु राम बचाने आएंगे,
द्रोपदी की लज्जा को कब तक श्याम बचाने आएंगे,
अब रण चंडी का रूप धरो अपनी शक्ति को पहचानो
तुम कब तक आस करोगी कि भगवान बचाने आएंगे….
आखिर कब तक सीता को प्रभु राम बचाने आएंगे,
द्रोपदी की लज्जा को कब तक श्याम बचाने आएंगे,
अब रण चंडी का रूप धरो अपनी शक्ति को पहचानो
तुम कब तक आस करोगी कि भगवान बचाने आएंगे….