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27 Sep 2019 · 1 min read

मुक्तक

आज ये मंजर नज़र भी देख कर हैरान है,
हाल पूछा ऐसे कि ज्यों हाल से अंजान हैं,
नफ़रतों की आग वो फैला रहे चारों तरफ
ज़िंदगी समझा जिसे वो मौत के सामान हैं

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 362 Views

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