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20 Sep 2019 · 1 min read

मुक्तक

मैं जलते अरमान लिए हूँ,
दर्द भरा तूफ़ान लिए हूँ,
अपनी आह कहूँ तो किससे,
झूठी सी मुस्कान लिए हूँ।

Language: Hindi
1 Like · 477 Views

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