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3 Sep 2019 · 1 min read

मुक्तक

कभी-कभी ख़्वाब भी सुहाना लगता है।
कभी-कभी ख़्याल भी फ़साना लगता है।
कभी किसी को हम सफ़र मिलता ही नहीं-
कभी किसी को प्यार पुराना लगता है।

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
1 Like · 296 Views
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