मुक्तक
हमें जिसने यहां भेजा , वही हमको खिलाता है।
जगत में जीव हैं जितने, वही सबको जिलाता है।
मिला हमको यहाँ जो भी, उसी ईश्वर की मर्जी से-
जगाता है हमें भूखा, नहीं भूखा सुलाता है।।
✍️पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
हमें जिसने यहां भेजा , वही हमको खिलाता है।
जगत में जीव हैं जितने, वही सबको जिलाता है।
मिला हमको यहाँ जो भी, उसी ईश्वर की मर्जी से-
जगाता है हमें भूखा, नहीं भूखा सुलाता है।।
✍️पं.संजीव शुक्ल “सचिन”