मुक्तक
मुख़्तसर सी एक बस बात है, दिल में लिए हैं प्यार हम
ख़्वाहिस है तू मेरी, दिल से किया यार तेरा इंतख़ाब हम।
अब ख्वाब में भी करते हैं यार याद तुम्हें दिन रात हम
और किस तरह कहें, हैं साथ तेरे आखिरी साँस तक हम।
मुहब्बत के बाजार में तूने किया हमें मुहब्बत हो गया था
तू जी रहा दिल के करार में, बेकरार जिए जा रहे हैं हम
…सिद्धार्थ