मुक्तक
हमने कब कहा…?
फासला पे रहो…?
फैसला भी तुम्हारा
फासला भी तुम्हारा
हमने तो बस इतना चाहा…
जहां भी रहो हौसलों से रहो…
…सिद्धार्थ
हमने कब कहा…?
फासला पे रहो…?
फैसला भी तुम्हारा
फासला भी तुम्हारा
हमने तो बस इतना चाहा…
जहां भी रहो हौसलों से रहो…
…सिद्धार्थ