मुक्तक
तुम्हे पता है क्या,…?
क्या ढूंढती हूँ मै,…?
बस एक अदना सा वकील
जो दिल के दरबार में सुनवाई करवा दे
यार से इश्क की गवाही दिलवादे
मेरा सुलह करा दे,
इश्क में एक और मोहलत दिलवादे
यार से मेरा सुलह करवादे
…सिद्धार्थ
तुम्हे पता है क्या,…?
क्या ढूंढती हूँ मै,…?
बस एक अदना सा वकील
जो दिल के दरबार में सुनवाई करवा दे
यार से इश्क की गवाही दिलवादे
मेरा सुलह करा दे,
इश्क में एक और मोहलत दिलवादे
यार से मेरा सुलह करवादे
…सिद्धार्थ