पूजा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दोस्ती एक गुलाब की तरह हुआ करती है
"अनपढ़ी किताब सा है जीवन ,
Really true nature and Cloud.
इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
*आसमाँ से धरा तक मिला है चमन*
एक उम्र तक तो हो जानी चाहिए थी नौकरी,
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
तुम्हें अहसास है कितना तुम्हे दिल चाहता है पर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तुझे खो कर तुझे खोजते रहना
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
*देखा यदि जाए तो सच ही, हर समय अंत में जीता है(राधेश्यामी छं
*हर किसी के हाथ में अब आंच है*
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
चाय की चमक, मिठास से भरी,
"दिल की तस्वीर अब पसंद नहीं।
कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।