मुक्तक !
शब्द अगर मायने में न रहे तो चुप रहना अच्छा,
तुम साथी अच्छे हो, तुम से जबर्दस्ती नहीं अच्छा !
/
मुझे सादगी पसंद थी, दुनियां बड़ी रंगीन निकली
इस के रंग में खो जाने से सादा रह जाना अच्छा !
***
तू मुस्कुराती रहा कर मुग्द्धा
उम्मीद पलकों पे तेरी ठहरी रहे
फ़ैलाती रहे ख़ुशियों की स्निग्धा !
/
तुम रहो शब्दों में मेरे तो कोई बात बने पुर्दिल
दिल रहो तुम तो इंकलाब का परचम हम होंगे !
***
11-05-2019
… पुर्दिल…