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24 Apr 2019 · 1 min read

मुक्तक

अब दर्द ही तेरा बहाना रह गया है।
ख़्वाबों का ख़्यालों में आना रह गया है।
वक़्त ने धुंधला दिया है यादों को मग़र-
दिल में चाहतों का फ़साना रह गया है।

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
465 Views
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