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17 Apr 2019 · 1 min read

मुक्तक

जीवन की यह कर्मभूमि है उचित नहीं चुप रह जाना,
लगे ज़रूरी जब भी कहना सुन लेना कुछ कह जाना,
धैर्य, अहिंसा, स्नेह, शान्ति की बातों को मानो लेकिन
जो भारत के गद्दार उन्हें मौनी बन कर मत सह जाना

Language: Hindi
261 Views
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