मुक्तक
धर्म नहीं इंसान को इंसान से है बाँटता ।
धर्म नहीं जुनून में कभी सिर किसी का काटता ||
जग में दु:ख का या दर्द का नाम कुछ होता नहीं
धर्म वह जो राह की हर खाई को है पाटता ||
धर्म नहीं इंसान को इंसान से है बाँटता ।
धर्म नहीं जुनून में कभी सिर किसी का काटता ||
जग में दु:ख का या दर्द का नाम कुछ होता नहीं
धर्म वह जो राह की हर खाई को है पाटता ||