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10 Apr 2019 · 1 min read

मुक्तक

सियासी मोहरे में उलझी हर चाल को समझो,
जरूरी है सियासत की बिछाई जाल को समझो,
सभी ने रंगों पर भी धर्म का एक रंग चढाया है,
रंगों के मजहबी दर्द के तुम हाल को समझो

Language: Hindi
1 Like · 184 Views
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