मुक्तक
कोशिश की जरा हँसने की तो तुमने रुला डाला,
ग़मों की आग मे फिर से मुझे तुमने जला डाला,
सजाए मौत तुमने इस तरह से दे दिया हमको
रही सांसे मेरी बाकी मगर खुद को भूला डाला
कोशिश की जरा हँसने की तो तुमने रुला डाला,
ग़मों की आग मे फिर से मुझे तुमने जला डाला,
सजाए मौत तुमने इस तरह से दे दिया हमको
रही सांसे मेरी बाकी मगर खुद को भूला डाला