मुक्तक
बदला बदला मौसम है शातिर बहुत हवायें हैं,
अफ़वाहों की चादर में लिपटी सभी दिशाएँ हैं,
बदल रही है पल पल अब तो दुनिया की पहचानें,
सर्वनाम सब बदले हैं बदल गयीं संज्ञायें हैं
बदला बदला मौसम है शातिर बहुत हवायें हैं,
अफ़वाहों की चादर में लिपटी सभी दिशाएँ हैं,
बदल रही है पल पल अब तो दुनिया की पहचानें,
सर्वनाम सब बदले हैं बदल गयीं संज्ञायें हैं