मुक्तक
मुहब्बत में मुहब्बत के सिवा सब मिल गया मुझको
नही मिलना था उसको पर मेरा रब मिल गया मुझको
किसी तपती दुपहरी में दिया जब आब प्यासे को
कहा दिल ने मेरे मुझसे कि मज़हब मिल गया मुझको
मुहब्बत में मुहब्बत के सिवा सब मिल गया मुझको
नही मिलना था उसको पर मेरा रब मिल गया मुझको
किसी तपती दुपहरी में दिया जब आब प्यासे को
कहा दिल ने मेरे मुझसे कि मज़हब मिल गया मुझको