मुक्तक
वो चोर चौकीदार पे ताने खडा कमान है
जिसे जानती है जनता वो स्वयं बेइमान है,
सत्य और असत्य मे जंग फिर से है छिडी
सत्य के ही साथ में सम्पूर्ण हिन्दुस्तान है ।
वो चोर चौकीदार पे ताने खडा कमान है
जिसे जानती है जनता वो स्वयं बेइमान है,
सत्य और असत्य मे जंग फिर से है छिडी
सत्य के ही साथ में सम्पूर्ण हिन्दुस्तान है ।