मुक्तक
बहुत उदास हूं थोड़ा मन बहला दो ना
बहुत ज़्यादा नहीं थोड़ा समझा दो ना
थक कर सो जाऊं सपने में यों ही कहीं
वह छोटी सी गोद माँ की दिला दो ना
सजन
बहुत उदास हूं थोड़ा मन बहला दो ना
बहुत ज़्यादा नहीं थोड़ा समझा दो ना
थक कर सो जाऊं सपने में यों ही कहीं
वह छोटी सी गोद माँ की दिला दो ना
सजन