मुक्तक
“अब निकल पड़े मैदाने जंग में हर कोई अभिमानी,
हम गद्दारों को दिखाला देंगे ताकत हिंदुस्तानी,
दहल उठे दुश्मन का सीना,ऐसा सबक सीखा दें
यह कसमें खायें कि व्यर्थ ना होगी वीरो की कुर्बानी”
“अब निकल पड़े मैदाने जंग में हर कोई अभिमानी,
हम गद्दारों को दिखाला देंगे ताकत हिंदुस्तानी,
दहल उठे दुश्मन का सीना,ऐसा सबक सीखा दें
यह कसमें खायें कि व्यर्थ ना होगी वीरो की कुर्बानी”