Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2019 · 1 min read

मुक्तक !

आज तुम्हारी हर कही बात झूठ ही लगती है हमें
एक वो भी दिन थे तुझ पे एतबार कर लिया था।
चापलूसी देख के गलतियां हो ही जाया करती हैं
आवाम हैं हम सुधारने का हूनर भी खूब है हमें !
01-03-2019
।।सिद्धार्थ।।

Language: Hindi
3 Likes · 354 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
लक्ष्मी सिंह
सत्य यह भी
सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
अनुराग
अनुराग
Sanjay ' शून्य'
सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच।
सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच।
गुमनाम 'बाबा'
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
Dushyant Kumar Patel
मुझे आज तक ये समझ में न आया
मुझे आज तक ये समझ में न आया
Shweta Soni
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
AJAY AMITABH SUMAN
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
satish rathore
"लट्टू"
Dr. Kishan tandon kranti
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
मेरे पांच रोला छंद
मेरे पांच रोला छंद
Sushila joshi
*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
दोस्ती
दोस्ती
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
Er.Navaneet R Shandily
स्वयं में ईश्वर को देखना ध्यान है,
स्वयं में ईश्वर को देखना ध्यान है,
Suneel Pushkarna
पास आना तो बहाना था
पास आना तो बहाना था
भरत कुमार सोलंकी
🙅मुझे लगता है🙅
🙅मुझे लगता है🙅
*प्रणय प्रभात*
कड़वा सच
कड़वा सच
Sanjeev Kumar mishra
बाज़ार में क्लीवेज : क्लीवेज का बाज़ार / MUSAFIR BAITHA
बाज़ार में क्लीवेज : क्लीवेज का बाज़ार / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
" हय गए बचुआ फेल "-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
स्त्री चेतन
स्त्री चेतन
Astuti Kumari
2800. *पूर्णिका*
2800. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ भी नहीं हमको फायदा, तुमको अगर हम पा भी ले
कुछ भी नहीं हमको फायदा, तुमको अगर हम पा भी ले
gurudeenverma198
यकीन का
यकीन का
Dr fauzia Naseem shad
जिन्दगी
जिन्दगी
Bodhisatva kastooriya
मज़बूत होने में
मज़बूत होने में
Ranjeet kumar patre
रक्षक या भक्षक
रक्षक या भक्षक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
क्षणभंगुर
क्षणभंगुर
Vivek Pandey
तज द्वेष
तज द्वेष
Neelam Sharma
सूर्यदेव
सूर्यदेव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...