मुक्तक !
आज तुम्हारी हर कही बात झूठ ही लगती है हमें
एक वो भी दिन थे तुझ पे एतबार कर लिया था।
चापलूसी देख के गलतियां हो ही जाया करती हैं
आवाम हैं हम सुधारने का हूनर भी खूब है हमें !
01-03-2019
।।सिद्धार्थ।।
आज तुम्हारी हर कही बात झूठ ही लगती है हमें
एक वो भी दिन थे तुझ पे एतबार कर लिया था।
चापलूसी देख के गलतियां हो ही जाया करती हैं
आवाम हैं हम सुधारने का हूनर भी खूब है हमें !
01-03-2019
।।सिद्धार्थ।।