मुक्तक
मुक्तक-
यौवन जिसके साथ सदा ही ,करता है अठखेली।
यादों का मधुमास लिए वह ,बैठी निपट अकेली।
मिटा महावर चूड़ी टूटी , गला हुआ है सूना,
साजन बिना अभागिन का है,जीवन एक पहेली।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय
मुक्तक-
यौवन जिसके साथ सदा ही ,करता है अठखेली।
यादों का मधुमास लिए वह ,बैठी निपट अकेली।
मिटा महावर चूड़ी टूटी , गला हुआ है सूना,
साजन बिना अभागिन का है,जीवन एक पहेली।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय