मुक्तक
मेरा_कोटि_कोटि_नमन
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प्रथम नमन वीणावादिनी को, दूजा भारत माँ को करते हैं,
त्रतीय नमन उस मातु-पिता को, जो कष्ट सभी के हरते हैं,
करूँ नमन मैं गुरू आदि को, जिनसे सत्य का ग्यान मिला,
हे और नमन मित्रन को, जो सुख-दुःख में साथ ही रहते हैं |1|
मैं नमन करूँ उस वायु देव को, जिनसे साँसे ये चलती हैं,
हे नमन हमारा इस मात्र-भूमि को, जिनसे रोटी मिलतीं हैं,
नमन करूँ गंगा माइया को, और उसकी निर्मल धारा को,
हे और नमन सबके कर्मन को, जो सत्य मार्ग पर चलते हैं |2|
मैं नमन करूँ उस ज्ञानी को, जो ज्ञान का पुंज बिखेरता है,
हे नमन मेरा भारत के हर कण को, जो पुत्रों को जनता है,
‘धीरू’ सौ-सौ वार नमन करता है,माताओं के उन वीरों को,
जीता हैं जो देश के हित में,और देश के हित में ही मरता है |3| “”//********/*******/*******/*******/******/””
✍ धीरेन्द्र वर्मा
मोहम्मदपुर दीना जिला-खीरी (उ.प्र.)
Email–dkverma9984@gmail.com