Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2019 · 1 min read

वीणा वादिनी

हे सौम्य रूपा, रूचिर वीणा वादिनी जयति जय माँ।
माँ शारदा वागीश्वरी वरदायिनी जयति जय माँ।
हे विद्या, कला, बुद्धि प्रदा, तमस हारिनी ज्योतिर्मयी –
परमेश्वरी कमल नयनी कमलासिनी जयति जय माँ।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
186 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
"सावित्री बाई फुले"
Dr. Kishan tandon kranti
गूगल
गूगल
*प्रणय*
*शुभ दीपावली*
*शुभ दीपावली*
गुमनाम 'बाबा'
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
दादाजी ने कहा था
दादाजी ने कहा था
Shashi Mahajan
4739.*पूर्णिका*
4739.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
A mans character on social media.
A mans character on social media.
पूर्वार्थ
जिंदगी आंदोलन ही तो है
जिंदगी आंदोलन ही तो है
gurudeenverma198
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Waste your time 😜
Waste your time 😜
Otteri Selvakumar
रो रो कर बोला एक पेड़
रो रो कर बोला एक पेड़
Buddha Prakash
सफलता
सफलता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यह चाय नहीं है सिर्फ़, यह चाह भी है…
यह चाय नहीं है सिर्फ़, यह चाह भी है…
Anand Kumar
दुनिया कितनी निराली इस जग की
दुनिया कितनी निराली इस जग की
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दिल से बहुत बधाई है पोते के जन्म पर।
दिल से बहुत बधाई है पोते के जन्म पर।
सत्य कुमार प्रेमी
नौकरी
नौकरी
Aman Sinha
सफर की यादें
सफर की यादें
Pratibha Pandey
मुझे पहचानते हो, नया ज़माना हूं मैं,
मुझे पहचानते हो, नया ज़माना हूं मैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नेह ( प्रेम, प्रीति, ).
नेह ( प्रेम, प्रीति, ).
Sonam Puneet Dubey
" आज चाँदनी मुस्काई "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
गंगा- सेवा के दस दिन (तीसरा दिन)- मंगलवार 18जून2024
गंगा- सेवा के दस दिन (तीसरा दिन)- मंगलवार 18जून2024
Kaushal Kishor Bhatt
Ranjeet Kumar Shukla- Hajipur
Ranjeet Kumar Shukla- Hajipur
हाजीपुर
विषय: असत्य पर सत्य की विजय
विषय: असत्य पर सत्य की विजय
Harminder Kaur
वेयरहाउस में सड़ गया
वेयरहाउस में सड़ गया
Dhirendra Singh
*आया फिर से देश में, नूतन आम चुनाव (कुंडलिया)*
*आया फिर से देश में, नूतन आम चुनाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हमें पदार्थ से ऊर्जा और ऊर्जा से शुद्ध चेतना तक का सफर करना
हमें पदार्थ से ऊर्जा और ऊर्जा से शुद्ध चेतना तक का सफर करना
Ravikesh Jha
कभी-कभी डर लगता है इस दुनिया से यहां कहने को तो सब अपने हैं
कभी-कभी डर लगता है इस दुनिया से यहां कहने को तो सब अपने हैं
Annu Gurjar
पैसे के बिना आज खुश कोई कहाॅं रहता है,
पैसे के बिना आज खुश कोई कहाॅं रहता है,
Ajit Kumar "Karn"
रिश्ते
रिश्ते
Ashwani Kumar Jaiswal
किसी के लिए आफ़त है..
किसी के लिए आफ़त है..
Ranjeet kumar patre
Loading...