जो फूल ही फूल है बाहर से
जो फूल ही फूल है बाहर से।
वो जख्म ही जख्म है अंदर से।
सहमा- सहमा बेगुनाह चिराग –
कुछ सितमगर हवाओं के डर से।
-लक्ष्मी सिंह
जो फूल ही फूल है बाहर से।
वो जख्म ही जख्म है अंदर से।
सहमा- सहमा बेगुनाह चिराग –
कुछ सितमगर हवाओं के डर से।
-लक्ष्मी सिंह