जागते आँखों में
जागते आँखों में कोई ख्वाब आया था।
आसमाँ से जमीं पर आफताब आया था।
महक उठा है मेरे मन का हर इक कोना –
लगता है मुझ से मिलने गुलाब आया था।
-लक्ष्मी सिंह
जागते आँखों में कोई ख्वाब आया था।
आसमाँ से जमीं पर आफताब आया था।
महक उठा है मेरे मन का हर इक कोना –
लगता है मुझ से मिलने गुलाब आया था।
-लक्ष्मी सिंह