मुक्तक
विधाता ने ये जीवन का बनाया खेल प्यारा है ।
कोई जीता मुहबत का तो कोई खेल हारा है।
ना हो गमगीन ओ बन्देे,खुदा पे अब यकीं रख तू
नसीबों में हमारे अब सृजन का खेल सारा है।
विधाता ने ये जीवन का बनाया खेल प्यारा है ।
कोई जीता मुहबत का तो कोई खेल हारा है।
ना हो गमगीन ओ बन्देे,खुदा पे अब यकीं रख तू
नसीबों में हमारे अब सृजन का खेल सारा है।