मुक्तक
मैं जिनके इश्क़ में जिंदा हूँ उनको छोड़ आया हूँ।
मैं अपने देश की रक्षा में रिश्ते तोड़ आया हूँ ।
गला ना पायेगी मुझको धवल ये बर्फ की चादर
कफ़न के नाम पर सिर पर तिरंगा ओढ़ आया हूँ ।
मैं जिनके इश्क़ में जिंदा हूँ उनको छोड़ आया हूँ।
मैं अपने देश की रक्षा में रिश्ते तोड़ आया हूँ ।
गला ना पायेगी मुझको धवल ये बर्फ की चादर
कफ़न के नाम पर सिर पर तिरंगा ओढ़ आया हूँ ।