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7 Feb 2019 · 1 min read

मुक्तक

सदायें सुन तो ले मेरी, मैं तुझको याद करता हूँ।

मैं दश्तो-सहरा में गम की, दिन को रात करता हूँ।

जमाना कह ले जो कहना, मुझे उसकी नहीं परवाह

मोहबत में यूँ पागल हूँ खुद ही से बात करता हूँ।

Language: Hindi
475 Views
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