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8 Jan 2017 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक……

इस मुहब्बत में मिला कुछ नही.,
आशिकी से अब गिला कुछ नही,
चाहतो के सिलसिलों को हर दफा,
उम्र भर हमदम मिला कुछ नही।।1

जिस तरफ भी हम चलेगे रास्ता हो जायेगा,
हर कली को देख हमसे वास्ता हो जायेगा,
जब कभी उल्फत करेगी इश्क़ का इजहार तब,
हर मुहब्बत हर अहद की दास्ता हो जायेगा।।2

इस जमी को देख अम्बर चाहिए,
दिल्लगी को देख दिलबर चाहिए,
हर कहानी मंजिलो की राह में,
जिंदगी को एक रहबर चाहिए।।3

चोट कितनी भी मिले खुद को बिखरने नही देंगे
भले हो मुश्किलें कितनी खुद को बहकने नही देंगे,
तुम्हारे सारे ग़मों को सनम रख लेंगे हम खुद मे
रंजो ग़म के साये मै हम तुमको सिमटने नही देंगे।।4

“चल उठा अपनी कलम फिर जंग का आग़ाज़ कर
मुश्किलो को तोड़कर अम्बर में तू परवाज कर,
बिछ गया है देख भष्टाचार का आतंक यहाँ,
अब सियासी सूरमाओं के ये सर बेताज कर।।5

Language: Hindi
395 Views
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