“मुक्तक”- ( हल्के में ही ले रहे थे )
“मुक्तक”- ( हल्के में ही ले रहे थे )
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कुछ लोग मुझे हल्के में ही ले रहे थे !
बात – बात पर ताने मुझे दे रहे थे !
मैंने जब अपना असली रूप दिखाया !
तो मुॅंह अपने वे , छिपाते फिर रहे थे !!
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 07 सितंबर, 2021.
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