मुक्तक व दोहा
मुक्तक
ओ रे फूल, ले महक महक ।
ओ रे भंवरे, बहक बहक ।।
ले प्रीत ओ रति रीत निभा ।
ओ रे संसार, चहक चहक ।।
दोहा
ओ रे फूल महक महक, भंवरे, बहक बहक ।
प्रीत रति रीत ले निभा, संसार, चहक चहक ।।
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न
मुक्तक
ओ रे फूल, ले महक महक ।
ओ रे भंवरे, बहक बहक ।।
ले प्रीत ओ रति रीत निभा ।
ओ रे संसार, चहक चहक ।।
दोहा
ओ रे फूल महक महक, भंवरे, बहक बहक ।
प्रीत रति रीत ले निभा, संसार, चहक चहक ।।
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न