मुक्तक- जो लड़ना भूल जाते हैं…
मसीहा भूल जाते हैं रियासत भूल जाते हैं,
क्यूँ अपने लोग अपनी ही विरासत भूल जाते हैं,
कभी उस कौम का उत्थान सुन लो हो नहीं सकता-
जो लड़ना भूल जाते हैं सियासत भूल जाते हैं।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 09/04/2022
मसीहा भूल जाते हैं रियासत भूल जाते हैं,
क्यूँ अपने लोग अपनी ही विरासत भूल जाते हैं,
कभी उस कौम का उत्थान सुन लो हो नहीं सकता-
जो लड़ना भूल जाते हैं सियासत भूल जाते हैं।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 09/04/2022