मुक्तक- राम बोलो राम बोलो—–!
मुक्तक(१)
राम बोलो राम बोलो, सुबह शाम बोलो रे।
डोलो नहीं डोलो नहीं, न बेवजह डोलो रे।
पल पल बीते जीवन, अनमोल है रामधन।
खोलो खोलो खोलो सब, पट भीतर के खोलो रे।।
(२)
तनमन धडकन राम का ही नाम ले।
काम करें बाद में प्रभु का हाथ थाम ले।
विजय मिलेगी सुख जिंदगी तो देगी।
है जग में जब तक, कभी न विराम ले।।
(३)
भक्ति में होती है शक्ति इसकी पहचान करें।
सच्ची युक्ति मिलती मुक्ति, बात को ध्यान धरे।
राम ही सहारा बने ,आना पड़े न दोबारा।
बार बार हर बार, जीवन श्रीराम के नाम करें।।
राजेश व्यास अनुनय