Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2021 · 1 min read

“मुक्तक” ( नेता के बोल )

“मुक्तक” ( नेता के बोल )
“””‘””””””””””””””””””””””””

नेता के बोल की उतनी कीमत न होती ,
देश की जनता की शोषण ना हुई होती।
गली – मोहल्ले में सब नेता बन बैठे हैं ,
मासूम जनता की किस्मत बदल गई होती।

_ स्वरचित एवं मौलिक ।

© अजित कुमार कर्ण ।
__ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 10-06-2021.
“”‘”‘””””””””””””””””””””””””
????????

Language: Hindi
7 Likes · 2 Comments · 380 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
रुपेश कुमार
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
!! बोलो कौन !!
!! बोलो कौन !!
Chunnu Lal Gupta
तुम्हें मुझको रिझाना चाहिये था
तुम्हें मुझको रिझाना चाहिये था
अर्चना मुकेश मेहता
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
Shubham Pandey (S P)
राम बनो, साकार बनो
राम बनो, साकार बनो
Sanjay ' शून्य'
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
Rj Anand Prajapati
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
शेखर सिंह
गुफ़्तगू हो न हो
गुफ़्तगू हो न हो
हिमांशु Kulshrestha
बहुत सी बातों को यूँही छोड़ देना चाहिए बिना किसी सवाल जवाब न
बहुत सी बातों को यूँही छोड़ देना चाहिए बिना किसी सवाल जवाब न
पूर्वार्थ
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
आज बुजुर्ग चुप हैं
आज बुजुर्ग चुप हैं
VINOD CHAUHAN
बेटियाँ
बेटियाँ
Mamta Rani
*जोड़कर जितना रखोगे, सब धरा रह जाएगा (हिंदी गजल))*
*जोड़कर जितना रखोगे, सब धरा रह जाएगा (हिंदी गजल))*
Ravi Prakash
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
4120.💐 *पूर्णिका* 💐
4120.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सुप्रभात
सुप्रभात
Rituraj shivem verma
जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए।
जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए।
सत्य कुमार प्रेमी
कैसा
कैसा
Ajay Mishra
" मजबूरी "
Dr. Kishan tandon kranti
आह और वाह
आह और वाह
ओनिका सेतिया 'अनु '
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
Manoj Mahato
सुबह, दोपहर, शाम,
सुबह, दोपहर, शाम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कविता (आओ तुम )
कविता (आओ तुम )
Sangeeta Beniwal
शहर - दीपक नीलपदम्
शहर - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
रामदीन की शादी
रामदीन की शादी
Satish Srijan
“हम हो गए दीवाने”
“हम हो गए दीवाने”
DrLakshman Jha Parimal
"" *सिमरन* ""
सुनीलानंद महंत
रूबरू  रहते हो ,  हरजाई नज़र आते हो तुम ,
रूबरू रहते हो , हरजाई नज़र आते हो तुम ,
Neelofar Khan
Loading...