मुक्तक- नहीं रहते मगर फिर भी…
मुक्तक- नहीं रहते मगर फिर भी…
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नहीं रहते मगर फिर भी कहीं आबाद रहते हैं
दिलों में हर किसी के मौत के भी बाद रहते हैं
जो होते मतलबी उनको ज़माना भूल जाता है
जो जीते हैं भलाई में वही बस याद रहते हैं
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- ०५/०२/२०२१