“मुक्तक”- नमन इस अवनि को !
“मुक्तक”- नमन इस अवनि को !
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आज ये धरती क्यों इतनी रो रही ।
प्राकृतिक धरोहरें भी हैं खो रही ।
अब से सचेत हो ही जाऍं हम सब ।
नमन इस अवनि को,सुमाता जो रही।।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
दिनांक : २०/०६/२०२१.
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