*** मुक्तक : धारा परिवर्तन माँग रही ***
*** मुक्तक : धारा परिवर्तन माँग रही ***
आतंकी जब भी मरते हैं, घाटी सड़कों पर आती है ,
रक्षा करते जो वीर वहाँ, उनका ही खून बहाती है ,
धारा परिवर्तन माँग रही, दुष्टों का अब संहार करो ,
काश्मीर से कन्या कुमारी,जनशक्ति जयहिन्द गाती है ।
******* सुरेशपाल वर्मा जसाला