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14 Dec 2021 · 1 min read

“मुक्तक” : ( जो नियति है वो…. )

“मुक्तक” : ( जो नियति है वो…. )
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जो नियति है वो होकर ही रहेगा !
भले किसी को ये अजूबा लगेगा !
भले ही लाख प्रयत्न कर लें हम सब,
पर समय के चक्र को कौन बदलेगा ! !

©® अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 14 दिसंबर, 2021.
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Language: Hindi
5 Likes · 512 Views
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