मुक्तक –जिन्दगी तेरे एहसान बहुत है –आर के रस्तोगी
जिन्दगी तेरे एहसान बहुत है |
दिल में मेरे अरमान बहुत है ||
किसको जोड़े,किसको घटाये |
नेक काम कम है जुर्म बहुत है ||
देखने को तो स्वपन बहुत है |
करने को तो काम बहुत है ||
अपने गिरेवान में झांको तो |
अपने में तो कमी बहुत है ||
जिन्दगी कम है काम बहुत है |
न करने के तो बहाने बहुत है ||
कब तू अच्छे काम करेगा ?
कहता है तू समय बहुत है ||
आर के रस्तोगी
मो 9971006425